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एमसीएस से होगी आवास विकास में 24 घंटे पानी की निगहबानी
– शासन से मंजूरी के बाद पूरी हो चुकी है टेंडर की प्रक्रिया
– पायलट प्रोजक्ट के तहत शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी में मिलेगी दिन-रात पेयजल की सुविधा
बस्ती। शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी और वार्ड आवास विकास में अब 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की योजना के तहत कार्य शुरू हो चुका है। यहां के जलापूर्ति की निगरानी जलकल कार्यालय परिसर स्थित एमसीएस यानी कि मेन कंट्रोल स्टेशन से की जाएगी। यहां एमसीएस यानी मुख्य नियंत्रण केंद्र की स्थापना के लिए स्वायल टेंस्टिंग यानी कि मृदा परीक्षण का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। बहुत जल्द ही अब यहां के नागरिकों को दिन-रात पानी मिलने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
आवास विकास कॉलोनी के 1624 घरों के तकरीबन आठ हजार नागरिकों को आठ घंटे की जगह दिन-रात 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की योजना नगरीय जलनिगम ने बनाई है। योजना के तहत लगभग सात करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। नगरीय जलनिगम ने अमृत योजना फेज टू में पायलट प्रोजक्ट के तहत शहर के आवास विकास वार्ड को चुना है। जहां 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था करनी है। इसके लिए 15 महीने पहले तत्कालीन अधिशासी अभियंता रेहान फारुकी व सहायक अभियंता ओपी चौधरी की टीम ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय के जरिए शासन को भेजा था। जिसे शासन ने साल भर पहले जनवरी 2024 में ही स्वीकृति दे दिया था और टेंडर प्रक्रिया चालू करने का निर्देश दिया था। इसी बीच चुनाव आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। चुनाव संपन्न होने के बाद अब मुख्यालय स्तर से टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। यहां प्रयोग की जाने वाली सामग्री का परीक्षण भी हो चुका है। जिसके तहत पहले एमसीएस स्थापित करने का काम शुरू हो गया है।
– परियोजना के तहत यह होने हैं कार्य
नगरीय जलनिगम के सहायक अभियंता रवीश अग्निहोत्री व अवर अभियंता विनय गुप्ता के अनुसार हर घरों में बैटरी वाले मीटर लगाए जाएंगे ताकि बिजली न रहने पर भी वह सक्रिय रहें। इससे पूरे वार्ड के सभी घरों में खर्च किए जाने वाले पेयजल की जानकारी भी ऑटोमेटिकली मिलती रहेगी। पानी के रिसाव और बहाव पर एक ही जगह यानी कि एमसीएस में लगे एलईडी से निगरानी हो सकेगी। बताया कि वार्ड में पहले से सात सौ किलोलीटर का वाटर हेड टैंक है, बावजूद इसके एक नलकूप व एक हजार किलोलीटर पेयजल टंकी का और इंतजाम किया जाएगा।
– आईटीआई में नहीं मिल पा रही बोरिंग की जगह
विभागीय इंजीनियरों के अनुसार आवास विकास कॉलोनी में जलापूर्ति के लिए एक और बोरिंग की जानी है, जिसके लिए आईटीआई परिसर स्थित वाटर हेड टैंक के करीब दस मीटर लंबा व दस मीटर चौड़ी भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए आईटीआई के प्रधानाचार्य से वार्ता चल रही है। बहुत जल्द ही जमीन उपलब्ध होते ही बोरिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
– समय से पूरा होगा परियोजना का कार्य
बस्ती-सिद्धार्थनगर के नगरीय जलनिगम के अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार गौतम ने बताया कि आवास विकास कॉलोनी में पेयजल परियोजना के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर काम चालू कर दिया गया है। दिसंबर 2025 तक परियोजना का संपूर्ण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।